🙏 Maa Shitala Aarti and Mantras 🙏
🚩 Maa Shitala Aarti 🚩
🔸 In English (Hinglish)
🔅 Jai Shitala Mata, Maiya Jai Shitala Mata।
🔅 Tumko Nishdin Sevat, Har Vishnu Vidhata॥
🔅 Jai Shitala Mata, Maiya Jai Shitala Mata।
🔅 Tum Hi Ho Jag Ki Mata, Sabki Ho Bhagya Vidhata॥
🔅 Haldi, Roli, Akshat, Maa Swikaar Karo।
🔅 Ghee Ki Jyot Jalaakar, Vinati Hum Karte॥
🔅 Sankat Haro Maharani, Sukh Sampatti Dena।
🔅 Jai Shitala Mata, Maiya Jai Shitala Mata॥
📜 Meaning: This Aarti praises Maa Shitala as the remover of suffering and the giver of happiness and prosperity.
🔱 Powerful Maa Shitala Mantras 🔱
1. Maa Shitala Beej Mantra
🔸 ॐ ह्रीं शीतलायै नमः॥
🔸 Om Hreem Shitalayai Namah॥
📜 Meaning: Chanting this mantra helps in protection from diseases, especially skin and contagious diseases.
2. Maa Shitala Gayatri Mantra
🔸 ॐ कात्यायनायै विद्महे, कन्या कुमारी धीमहि।
🔸 तन्नो देवी प्रचोदयात्॥
🔸 Om Katyayanay Vidmahe, Kanya Kumari Dhimahi।
🔸 Tanno Devi Prachodayat॥
📜 Meaning: This mantra invokes Maa Shitala’s blessings for good health and protection from ailments.
3. Mantra for Disease Prevention
🔸 शीतले त्वं जगन्माता, शीतले त्वं जगत्पिता।
🔸 शीतले त्वं जगद्धात्री, शीतलायै नमो नमः॥
🔸 Shitale Tvam Jaganmata, Shitale Tvam Jagatpita।
🔸 Shitale Tvam Jagaddhatri, Shitalayai Namo Namah॥
📜 Meaning: This mantra is a prayer to Maa Shitala, recognizing her as the universal mother and protector from diseases.
🌸 How to Worship Maa Shitala 🌸
✅ Offer turmeric, rice, curd, and Ganga water to Maa Shitala.
✅ Light a diya (lam p) in front of Maa Shitala’s idol or picture in the morning.
✅ Chant "Om Hreem Shitalayai Namah" 108 times daily for good health.
✅ Offer stale food (Shitala Prasad) as bhog and then distribute it to the family.
✅ Worship Maa Shitala especially on Shitala Ashtami for her divine blessings.
Maa Shitala is the goddess of health, disease prevention, and well-being. Regular recitation of her Aarti and mantras ensures protection from ailments and brings peace and prosperity to the family. May Maa Shitala bless everyone with good health and happiness!
🙏 Jai Maa Shitala! 🙏
🙏 माँ शीतला आरती और मंत्र 🙏
🚩 माँ शीतला की आरती 🚩
🔸 हिंदी में
🔅 जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता।
🔅 तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥
🔅 जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता।
🔅 तुम ही हो जग की माता, सबकी हो भाग्य विधाता॥
🔅 हल्दी, रोली, अक्षत, माँ स्वीकार करो।
🔅 घी की ज्योत जलाकर, विनती हम करते॥
🔅 संकट हरो महारानी, सुख सम्पत्ति देना।
🔅 जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता॥
📜 अर्थ: इस आरती में माँ शीतला को संकट हरने वाली और सुख-समृद्धि देने वाली माता के रूप में स्मरण किया गया है।
🔱 माँ शीतला के शक्तिशाली मंत्र 🔱
1. माँ शीतला बीज मंत्र
🔸 ॐ ह्रीं शीतलायै नमः॥
📜 अर्थ: इस मंत्र के जाप से रोग, विशेष रूप से त्वचा और संक्रामक रोगों से बचाव होता है।
2. माँ शीतला गायत्री मंत्र
🔸 ॐ कात्यायनायै विद्महे, कन्या कुमारी धीमहि।
🔸 तन्नो देवी प्रचोदयात्॥
📜 अर्थ: इस मंत्र का जाप करने से माँ शीतला की कृपा से रोगों का नाश होता है और स्वस्थ जीवन प्राप्त होता है।
3. रोग नाश के लिए माँ शीतला मंत्र
🔸 शीतले त्वं जगन्माता, शीतले त्वं जगत्पिता।
🔸 शीतले त्वं जगद्धात्री, शीतलायै नमो नमः॥
📜 अर्थ: यह मंत्र माँ शीतला की स्तुति करता है और रोगों से रक्षा करता है।
🌸 माँ शीतला की पूजा विधि 🌸
✅ माँ शीतला को हल्दी, अक्षत, दही और गंगाजल अर्पित करें।
✅ सुबह के समय माँ शीतला की मूर्ति के समक्ष दीया जलाएं।
✅ "ॐ ह्रीं शीतलायै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
✅ बासी भोजन (शीतला प्रसाद) का भोग लगाकर परिवार को खिलाएं।
✅ माँ शीतला की पूजा विशेष रूप से शीतला अष्टमी को करनी चाहिए।
🔚 निष्कर्ष
माँ शीतला स्वास्थ्य, रोग निवारण और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली देवी हैं। उनकी आरती और मंत्रों का नियमित रूप से जाप करने से परिवार में सुख-शांति और आरोग्यता बनी रहती है। माँ शीतला की कृपा सभी पर बनी रहे!
🙏 जय माँ शीतला! 🙏
माँ शीतला का परिचय ( माँ शीतला का परिचय, शीतला सप्तमी)
माँ शीतला एक लोकप्रिय हिंदू देवी हैं, जिन्हें रोगों से मुक्ति और स्वास्थ्य की रक्षक माना जाता है। "माँ शीतला का परिचय" समझने के लिए उनका नाम बहुत महत्वपूर्ण है। "शीतला" का अर्थ है ठंडक या शीतलता प्रदान करने वाली। वे चेचक (शीतला रोग) और अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाने वाली देवी के रूप में पूजी जाती हैं। माँ शीतला की पूजा विशेष रूप से "शीतला सप्तमी" और "शीतला अष्टमी" के दिन की जाती है, जो चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। मान्यता है कि उनकी पूजा से परिवार में स्वास्थ्य, शांति, और समृद्धि बनी रहती है। वे माता पार्वती का एक रूप मानी जाती हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी विशेष श्रद्धा है।
माँ शीतला का स्वरूप ( माँ शीतला का स्वरूप, गधे की सवारी)
"माँ शीतला का स्वरूप" अनोखा और प्रतीकात्मक है। वे लाल या सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके चार हाथ हैं। उनके हाथों में झाड़ू, सूप (चावल छानने का बर्तन), पानी का कलश, और नीम की पत्तियाँ होती हैं। "गधे की सवारी" माँ शीतला की विशेष पहचान है, जो विनम्रता और धैर्य का प्रतीक है। उनका यह स्वरूप रोगों को दूर करने और शीतलता प्रदान करने की उनकी शक्ति को दर्शाता है। माँ का चेहरा शांत और करुणामयी होता है, जो भक्तों को आश्वासन देता है कि वे हर बीमारी से उनकी रक्षा करेंगी। "माँ शीतला का स्वरूप" देखने वाले भक्त उनके इस सौम्य और शक्तिशाली रूप से प्रभावित होते हैं।
माँ शीतला की कथा (माँ शीतला की कथा, चेचक नाशक)
"माँ शीतला की कथा" बहुत प्रेरणादायक है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब एक गाँव में चेचक का प्रकोप फैला और लोग मरने लगे, तब माँ शीतला प्रकट हुईं। उन्होंने अपनी झाड़ू से रोग को साफ किया और पानी के कलश से शीतलता प्रदान की। इससे गाँव के लोग ठीक हो गए और माँ को "चेचक नाशक" के रूप में पूजने लगे। एक अन्य कथा में कहा जाता है कि माँ शीतला ने एक राक्षस का वध किया, जो बीमारियाँ फैलाता था। यह कथा उनकी शक्ति और करुणा को दर्शाती है। "माँ शीतला की कथा" खोजने वाले भक्त उनकी रोग निवारण शक्ति से प्रेरणा लेते हैं और उनकी पूजा करते हैं।
माँ शीतला की पूजा विधि ( माँ शीतला पूजा विधि, बासी भोजन)
"माँ शीतला पूजा विधि" विशेष रूप से शीतला सप्तमी या अष्टमी को की जाती है। पूजा के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। माँ की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थान पर स्थापित करें। उन्हें नीम की पत्तियाँ, फूल, और जल अर्पित करें। "बासी भोजन" माँ शीतला को बहुत प्रिय है, इसलिए एक दिन पहले बना हुआ भोजन जैसे दाल, चावल, या रोटी का भोग लगाएं। घी का दीपक जलाएं और उनकी आरती करें। पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें और परिवार के स्वास्थ्य की प्रार्थना करें। मान्यता है कि माँ शीतला की पूजा से चेचक, बुखार, और अन्य बीमारियाँ दूर रहती हैं। "माँ शीतला पूजा विधि" जानने वाले भक्त इसे सही तरीके से करना चाहते हैं।
माँ शीतला के मंत्र (माँ शीतला मंत्र, बीज मंत्र)
माँ शीतला के कुछ प्रभावशाली मंत्र हैं, जो "माँ शीतला मंत्र" सर्च करने वालों के लिए उपयोगी हैं:
- बीज मंत्र: "ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः" - इस मंत्र का जाप 108 बार करने से माँ प्रसन्न होती हैं।
- स्तुति मंत्र: "या देवी सर्वभूतेषु माँ शीतला रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।" - यह मंत्र उनकी महिमा का गुणगान करता है।
- प्रार्थना मंत्र: "शीतले त्वं जगन्माता शीतलां त्वं जगत्पिता। शीतलां त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः।" - इससे स्वास्थ्य और शीतलता की प्रार्थना की जाती है।
"बीज मंत्र" का जाप करते समय नीम की माला या रुद्राक्ष माला का प्रयोग करें। ये मंत्र भक्तों को रोगों से मुक्ति और शांति प्रदान करते हैं।
माँ शीतला का महत्व (माँ शीतला का महत्व, स्वास्थ्य रक्षक)
"माँ शीतला का महत्व" उनकी रोग निवारण शक्ति के कारण है। वे "स्वास्थ्य रक्षक" देवी मानी जाती हैं, जो संक्रामक रोगों से बचाती हैं। ग्रामीण भारत में उनकी पूजा विशेष रूप से प्रचलित है, क्योंकि वहाँ लोग चेचक और अन्य बीमारियों से बहुत प्रभावित होते थे। माँ शीतला की पूजा से शरीर और मन को शीतलता मिलती है, और गर्मी से संबंधित रोग दूर होते हैं। उनकी कृपा से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। "माँ शीतला का महत्व" समझने वाले भक्त उनकी पूजा से स्वास्थ्य और सुरक्षा की कामना करते हैं।
माँ शीतला से जुड़े प्रतीक और उनके अर्थ
- झाड़ू: रोगों और नकारात्मकता को साफ करने का प्रतीक।
- सूप: अशुद्धियों को छानने और शुद्धता का संकेत।
- कलश: शीतलता और जीवन शक्ति का प्रतीक।
- नीम: औषधीय गुणों और स्वास्थ्य का प्रतीक।
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