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सुखकर्ता दुखहर्ता आरती लिरिक्स - Sukhkarta Dukhharta Aarti Lyrics

सुखकर्ता दुखहर्ता आरती - Sukhkarta Dukhharta Aarti Lyrics सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची। घनो तुम्च जय जयकार करू, श्रीमहालक्ष्मीची॥ आरती: सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची। घनो तुम्च जय जयकार करू, श्रीमहालक्ष्मीची॥ दुखविनाशक जय, सर्वमंगलक जय। दुरिताचि आर्ती, पर्व निमग्न कारी॥ जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ती। दर्शन मात्रहे मनकामना पूर्ती॥ पावन प्रकाश पुन्याचा, नावा शुभाचा। जय घणघोगीपती, सुखरूपा जनाचा॥ माता यशस्विनी, जगदम्ब विचित्री। सचित्री चित्ररूपा नृत्यकरी॥ ब्रह्मरूप महेशस्वरूप। अजब वैभव, अलंकार अजय अपराध। सर्वांगी सुंदर उदार आकार। सुंदर आत्मा, शुभ गुणान्वित॥ रामाचि आरती, सत्यधर्माची। परब्रह्मस्वरूपा राजीव नेत्राची॥ भवार्थी भवपाशी, रुणमुक्ताफली। नारळा केळा जत्रा भवार्थी॥ आरती माझ्या भक्ताची, पूर्वी आर्जाची। सूखे दुखे निम्मे एक रूप तुझाची॥ सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची। घनो तुम्च जय जयकार करू, श्रीमहालक्ष्मीची॥ आरती माझ्या भक्ताची, पूर्वी आर्जाची। सूखे दुखे निम्मे एक रूप तुझाची॥ Sukhkarta Dukhharta Aarti: Verse: Bringer of Joy, Remover of Sorrow, Embodiment of bliss, O Lord Ganes...

गणपति स्थापना विधि: Ganpati Sthapana Vidhi

 **गणपति स्थापना विधि:** **सामग्री:** 1. **गणपति मूर्ति:** शुभ मुहूर्त में एक साफ़ और सुंदर गणपति मूर्ति का चयन करें। 2. **पूजा स्थल:** एक साफ़ और शुद्ध स्थान चुनें जहां आप गणपति मूर्ति को स्थापित कर सकते हैं। 3. **कलश:** एक पूर्ण कलश जिसमें पानी भरा हो। 4. **अक्षत राइस (तिलक के लिए चावल):** श्रृंगार के लिए सजाया जाता है। 5. **रोली, कुमकुम, चंदन, हल्दी:** उपचार के लिए। 6. **धूप और दीप:** पूजा के लिए आराधना। 7. **सुपारी, इलायची, लौंग:** अर्पण के लिए। 8. **दुर्वा ग्रास:** गणपति के पैरों में अर्पण के लिए। 9. **पुष्प:** भोग के लिए और आराधना में सजाने के लिए। 10. **पंचामृत:** दही, दूध, घी, मधु, गंगाजल का मिश्रण। 11. **मिठाई और फल:** ब्रजीवाला (प्रिय लौकिक और दैविक भोग के रूप में)। **स्थापना विधि:** 1. **शुभ मुहूर्त का चयन:**    - गणपति स्थापना के लिए एक शुभ मुहूर्त का चयन करें, जो पंचांग और पंडित से पुष्टि किया जा सकता है।    - यह सुनिश्चित करें कि चयन किया गया मुहूर्त शुभ हो और आपको विघ्नहर्ता गणेश की कृपा मिले। 2. **पूजा स्थल की तैयारी:**    - शुद्ध स्थान...

श्री गणेश चालीसा - Shri Ganesh Chalisa

Ganesh Chalisa in Hindi: **श्री गणेश चालीसा:** **दोहा:** श्री गणेश चालीसा, चौपाई उपासनहीन।   पठे नाना निर्गुण को, मिले साकार स्वरूप।। **जय गणपति सदगुरु संकटहरण मंगल मूरति रूप।   आरति, करुणा निधान, सुरील गान, श्रीपति रूप।** **चौरासी:** जय गणपति, सदगुरु संकटहरण।   मंगलमूरति रूप, सब कलयाणकारण।। **चौपाई:** गुरुपुत्र, पितुमातु की प्यारी।   धरती सुन, चारों युग यहां बनारी। **चौपाई:** कंचन थाली, नीला बासन होता।   बजत दही शंका अपरुप मोता। **चौपाई:** मुख में चंदन, चंदन मुच धारी।   सुर शाम को कहें, चांदनी चंदन हमारी। **चौपाई:** गजमुख पर चंदन, चंदन मुच धारी।   चंदन का मुख सुन्दर बनता भारी। **चौपाई:** कारग्रह निकट नहिं आवे, महाविघ्न टारी।   प्रेम सहित बोलें, अनुपम भगवान हमारी। **चौपाई:** जीवन सारथी स्वाननी, जय गणेश हमारी।   दुःख शोक और रोगों को दूर करो, सबका भला करो। **चौपाई:** विधाता विदारी सभी को, विपदा में संकट में पदहारी।   जो कुछ हैं, सब आपके ही आपके हैं, जय गणपति विघ्नहारी। **चौपाई:** कहते हैं ब...