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Maa Kushmanda performing Aarti with glowing diya and flowers Illustration of Maa Kushmanda with mantra text

माँ कूष्मांडा आरती और मंत्र – Maa Kushmanda Aarti and Mantras

Maa Kushmanda Aarti and Mantras

भूमिका | Introduction

माँ कूष्मांडा नवदुर्गा की आठवीं रूप हैं, जिनकी उपासना नवरात्रि के चौथे दिन होती है। ‘कूष्मांडा’ शब्द का अर्थ है — “कु” (थोड़ा), “उष्मा” (ऊर्जा) और “अंड” (ब्रह्मांड)। माना जाता है कि माँ ने अपनी मुस्कान से सम्पूर्ण ब्रह्मांड की रचना की।

 

Maa Kushmanda को आदिशक्ति का रूप माना गया है, जो रोग, भय और दुर्भाग्य को दूर करती हैं। इनकी पूजा से आयु, आरोग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

माँ कूष्मांडा आरती

🔅 जय अम्बे कूष्मांडा माता, जय जगदम्बा सुख दाता।
🔅 जो तुझे श्रद्धा से ध्याता, सुख-सम्पत्ति नित वह पाता॥

🔅 तेरी कृपा दृष्टि अपार, कर दे भक्तों का उद्धार।
🔅 दुख-दारिद्र्य मिटाने वाली, जग में प्रसिद्ध तेरा नाम॥

🔅 कुशमांड है तेरा नाम, करते सब तेरी महिमा गान।
🔅 तेरी पूजा जो भी करता, मनवांछित फल वह पाता॥

🔅 भक्तों की तू है रखवाली, हर संकट को दूर कर डाली।
🔅 तेरी महिमा किसी ने ना जानी, जय हो माँ, जय महा भवानी॥

🔅 जो भी माँ को शीश नवाए, भवसागर से पार हो जाए।
🔅 जय अम्बे कूष्मांडा माता, जय जगदम्बा सुख दाता॥


माँ कूष्मांडा मंत्र

1. बीज मंत्र:
🔹 ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नमः॥

2. स्तुति मंत्र:
🔹 सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च।
🔹 दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्मांडा शुभदास्तु मे॥

3. ध्यान मंत्र:
🔹 वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
🔹 सिंहारूढ़ा चतुर्भुजा कूष्माण्डा यशस्विनीम्॥

4. सिद्धि मंत्र:
🔹 ॐ कूष्मांडा देव्यै नमः॥

माँ कूष्मांडा की पूजा करने से आरोग्य, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। 🚩🙏

Maa Kushmanda Aarti (Hinglish)

🔅 Jai Ambe Kushmanda Mata, Jai Jagdamba Sukh Data.
🔅 Jo tujhe shraddha se dhyata, sukh-sampatti nit vah pata.

🔅 Teri kripa drishti apaar, kar de bhakton ka uddhar.
🔅 Dukh-daridrya mitane wali, jag mein prasiddh tera naam.

🔅 Kushmanda hai tera naam, karte sab teri mahima gaan.
🔅 Teri pooja jo bhi karta, manvanchit phal vah pata.

🔅 Bhakton ki tu hai rakhwali, har sankat ko door kar daali.
🔅 Teri mahima kisi ne na jani, Jai ho Maa, Jai Maha Bhavani.

🔅 Jo bhi Maa ko sheesh navaaye, bhavsagar se paar ho jaaye.
🔅 Jai Ambe Kushmanda Mata, Jai Jagdamba Sukh Data.


Maa Kushmanda Mantras

1. Beej Mantra:
🔹 Om Aim Hreem Kleem Kushmandayai Namah॥

2. Stuti Mantra:
🔹 Surasampurna Kalasham Rudhiraplutameva Cha।
🔹 Dadhana Hasta Padmabhyam Kushmanda Shubhadasatu Me॥

3. Dhyan Mantra:
🔹 Vande Vanchhita Kamarthe Chandrardha Krita Shekharam।
🔹 Simharudha Chaturbhuja Kushmanda Yashasvinim॥

4. Siddhi Mantra:
🔹 Om Kushmanda Devyai Namah॥

Worshiping Maa Kushmanda brings health, prosperity, and happiness. 🚩🙏

माँ कूष्मांडा का परिचय ( कूष्मांडा का परिचय, नवरात्रि चौथा दिन)

माँ कूष्मांडा नवरात्रि के चौथे दिन पूजी जाने वाली देवी हैं। यह देवी दुर्गा का चौथा स्वरूप हैं और इन्हें सृष्टि की रचयिता माना जाता है। “माँ कूष्मांडा का परिचय” खोजने वाले भक्त यह जानना चाहते हैं कि उनका नाम “कूष्मांडा” कैसे पड़ा। “कूष्मांडा” शब्द “कु” (सूक्ष्म), “ऊष्मा” (ऊर्जा), और “अंडा” (ब्रह्मांड) से मिलकर बना है। इसका अर्थ है कि इन्होंने अपनी सूक्ष्म ऊर्जा से ब्रह्मांड की रचना की। जब सृष्टि में कुछ भी नहीं था, तब माँ कूष्मांडा ने अपनी मुस्कान से प्रकाश फैलाया और सूर्य, चंद्र, ग्रह, और नक्षत्रों का निर्माण किया। इसलिए इन्हें “नवरात्रि चौथा दिन” की देवी के रूप में पूजा जाता है। उनकी पूजा से भक्तों को स्वास्थ्य, समृद्धि, और तेज की प्राप्ति होती है।


माँ कूष्मांडा का स्वरूप ( कूष्मांडा का स्वरूप, अष्टभुजा देवी)

माँ कूष्मांडा का स्वरूप बेहद तेजस्वी और आकर्षक है। इन्हें “अष्टभुजा देवी” कहा जाता है क्योंकि उनके आठ हाथ हैं। उनके हाथों में कमल, धनुष, बाण, अमृत कलश, चक्र, गदा, जपमाला, और कमंडल होते हैं। ये सभी प्रतीक उनकी शक्ति और दिव्यता को दर्शाते हैं। माँ सिंह की सवारी करती हैं, जो उनके साहस और बल का प्रतीक है। उनका निवास सूर्यमंडल के मध्य में माना जाता है, और उनका तेज सूर्य की तरह प्रकाशमान है। “माँ कूष्मांडा का स्वरूप” खोजने वाले लोग उनके इस भव्य रूप का वर्णन पढ़ना चाहते हैं। उनकी पूजा से नकारात्मकता दूर होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।


माँ कूष्मांडा की कथा ( कूष्मांडा की कथा, सृष्टि रचना)

“माँ कूष्मांडा की कथा” बहुत प्रेरणादायक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब चारों ओर अंधेरा था और सृष्टि का कोई अस्तित्व नहीं था, तब माँ कूष्मांडा ने अपनी हंसी से ब्रह्मांड की उत्पत्ति की। उनकी हंसी से प्रकाश फैला और “सृष्टि रचना” शुरू हुई। पहले सूर्य की उत्पत्ति हुई, फिर चंद्रमा, ग्रह, और नक्षत्रों का निर्माण हुआ। एक अन्य कथा में कहा जाता है कि जब असुरों का अत्याचार बढ़ गया था, तब माँ कूष्मांडा ने अपनी शक्ति से उनका संहार किया। ये कथाएं भक्तों को उनकी महिमा और शक्ति का एहसास कराती हैं। “माँ कूष्मांडा की कथा” सर्च करने वाले लोग इन कहानियों से प्रेरणा लेते हैं।


माँ कूष्मांडा की पूजा विधि ( कूष्मांडा पूजा विधि, मालपुआ भोग)

“माँ कूष्मांडा पूजा विधि” बहुत सरल और प्रभावी है। नवरात्रि के चौथे दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। माँ की प्रतिमा या चित्र को पूजा स्थान पर स्थापित करें। उन्हें पीले या लाल फूल अर्पित करें, क्योंकि ये उनके प्रिय रंग हैं। “मालपुआ भोग” माँ को बहुत प्रिय है, इसलिए इसे बनाकर भोग लगाएं। घी का दीपक जलाएं और मंत्रों का जाप करें। पूजा के बाद उनकी आरती करें और स्वास्थ्य व समृद्धि की प्रार्थना करें। “माँ कूष्मांडा पूजा विधि” खोजने वाले भक्त यह जानना चाहते हैं कि पूजा कैसे करें ताकि माँ की कृपा प्राप्त हो। उनकी पूजा से रोगों से मुक्ति मिलती है।


माँ कूष्मांडा के मंत्र ( कूष्मांडा मंत्र, बीज मंत्र)

माँ कूष्मांडा के कुछ प्रभावशाली मंत्र इस प्रकार हैं, जो “माँ कूष्मांडा मंत्र” सर्च करने वालों के लिए उपयोगी हैं:

  1. बीज मंत्र: “ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नमः” – इस मंत्र का जाप 108 बार करने से माँ प्रसन्न होती हैं।
  2. स्तुति मंत्र: “या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्मांडा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।” – यह मंत्र उनकी महिमा का बखान करता है।
  3. प्रार्थना मंत्र: “सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्मांडा शुभदास्तु मे।” – इससे कल्याण की प्रार्थना की जाती है।
    “बीज मंत्र” का जाप करते समय माला का प्रयोग करें और मन को एकाग्र रखें। ये मंत्र भक्तों को शक्ति और शांति प्रदान करते हैं।

माँ कूष्मांडा का महत्व ( कूष्मांडा का महत्व, सूर्य देवी)

“माँ कूष्मांडा का महत्व” इसलिए भी अधिक है क्योंकि वे सूर्य की अधिष्ठात्री देवी हैं। ज्योतिष में सूर्य को स्वास्थ्य और आत्मविश्वास का कारक माना जाता है। उनकी पूजा से सूर्य से संबंधित दोष दूर होते हैं और जीवन में सकारात्मकता आती है। “सूर्य देवी” के रूप में उनकी पूजा करने से मानसिक शांति, शारीरिक बल, और आध्यात्मिक उन्नति होती है। व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए भी उनकी पूजा लाभकारी है, क्योंकि वे समृद्धि और सफलता प्रदान करती हैं। “माँ कूष्मांडा का महत्व” जानने वाले भक्त उनकी कृपा से जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं।

FAQ (English & Hindi)

FAQ in English:
Q1: Who is Maa Kushmanda?
A1: Maa Kushmanda is the fourth form of Goddess Durga, believed to reside in the core of the Sun. She symbolizes strength, prosperity, and wisdom.

Q2: When should Maa Kushmanda Aarti be performed?
A2: Maa Kushmanda Aarti is typically performed during Navratri, early morning, or any time devoted to Goddess worship.

Q3: What is the significance of Maa Kushmanda Mantra?
A3: Chanting Maa Kushmanda Mantra brings energy, vitality, and abundance into life. It is believed to remove obstacles and bless devotees with health and prosperity.

Q4: How to perform Maa Kushmanda Puja at home?
A4: Light a lamp (diya), offer flowers and fruits, recite the Maa Kushmanda Aarti and Mantra, and meditate on the goddess with devotion.

FAQ in Hindi:
Q1: माँ कूष्मांडा कौन हैं?
A1: माँ कूष्मांडा देवी दुर्गा का चौथा स्वरूप हैं। उन्हें सूर्य के केंद्र में वास करने वाली देवी माना जाता है। वे शक्ति, समृद्धि और ज्ञान का प्रतीक हैं।

Q2: माँ कूष्मांडा आरती कब करनी चाहिए?
A2: माँ कूष्मांडा आरती विशेष रूप से नवरात्रि में, सुबह के समय या किसी भी समय देवी की पूजा के लिए की जाती है।

Q3: माँ कूष्मांडा मंत्र का महत्व क्या है?
A3: माँ कूष्मांडा मंत्र का जाप करने से जीवन में ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है। यह बाधाओं को दूर करता है और भक्तों को आशीर्वाद देता है।

Q4: घर पर माँ कूष्मांडा पूजा कैसे करें?
A4: दीपक जलाएं, फूल और फल अर्पित करें, माँ कूष्मांडा आरती और मंत्र पढ़ें, और पूरी श्रद्धा के साथ देवी की भक्ति करें।


2. HowTo Guide (English & Hindi)

HowTo in English:

How to Perform Maa Kushmanda Puja at Home:

  1. Clean the place of worship and set up a small altar.

  2. Place an idol or image of Maa Kushmanda on the altar.

  3. Light a diya (lamp) and incense sticks.

  4. Offer flowers, fruits, and sweets.

  5. Recite Maa Kushmanda Mantra and Aarti.

  6. Meditate and pray for health, prosperity, and happiness.

  7. Conclude by distributing prasad among family members.

HowTo in Hindi:

घर पर माँ कूष्मांडा पूजा कैसे करें:

  1. पूजा स्थल को साफ करें और छोटी चौकी या मंदिर पर देवी की प्रतिमा रखें।

  2. माँ कूष्मांडा की मूर्ति या तस्वीर रखें।

  3. दीपक और अगरबत्ती जलाएं।

  4. फूल, फल और मिठाई अर्पित करें।

  5. माँ कूष्मांडा मंत्र और आरती का पाठ करें।

  6. पूरी श्रद्धा के साथ ध्यान और प्रार्थना करें।

  7. अंत में प्रसाद परिवार के सभी सदस्यों में वितरित करें।

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